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हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥ हे नाथ मैँ आपको भूलूँ नही...!! हे नाथ ! आप मेरे हृदय मेँ ऐसी आग लगा देँ कि आपकी प्रीति के बिना मै जी न सकूँ.

Tuesday, January 28, 2014

मंत्र-यंत्र की शक्तियां



मंत्र-यंत्र की शक्तियां


अथर्ववेद में धन-प्राप्ति, सुख-शांति, व्यापारिक सफलता, रोग निवारण, इच्छित कार्य सफलता, इत्यादि कार्यों के लिए विशेष मंत्र का उल्लेख है। अथर्ववेद के अनुसार प्रत्येक मंत्र के प्रत्येक अक्षर में एक विशेष ध्वनि होती है और प्रत्येक ध्वनि का अपना कंपन होता है और इन कंपनों की निश्चित संख्या होती है।
यहां मैं मंत्रों से प्राप्त होनेवाले लाभ के बारे में बतलाने जा रहा हु
ॐ नमः शिवाय’ -स्वास्थ्य लाभ और मानसिक शांति के लिए।
शांति प्रशांति र्सव क्रोधोपशमनि स्वाहा -क्रोध शांति के लिए।
ॐ हृीं नमः’ – धन प्राप्ति के लिए।
ॐ हृीं श्रीं अर्ह नमःविजय प्राप्ति के लिए।
ॐ क्लिीं ऊँ’ – कार्य की रुकावट दूर करने के लिए।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ – आकस्मिक दर्ुघटना से बचाव के लिए।
ॐ गं गणपतये नमः’ – व्यापार लाभ, संतान प्राप्ति, विवाह एवं समस्त कार्यो के लिए।
ॐ हृीं हनुमते रुद्रात्म कायै हुं फटः’ – पद वृद्धि के लिए।
ॐ हं पवन बंदनाय स्वाहा’ – प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए।
ॐ भ्रां भ्रीं भौं सः राहवे नमः’ – पारिवारिक शांति के लिए।
साधना से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरुरी है। जैसे धन प्राप्ति के लिए -लाल रंग, विद्या प्राप्ति के लिए पीला, रोग मुक्ति के लिए सफेद माला का प्रावधान है। इसके अलावा जिस रंग की माला हो, उसी रंग का आसन और वस्त्र भी लाभकारी होता है। मंत्र जाप या किसी भी साधना के समय अगर चंद्र नाडी चल रही हो तो और अधिक लाभकारी माना गया है। साधना निष्ठा पूर्ण आस्था एवं नियम से करना चाहिए। क्योंकि गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं – ‘संशयात्मा विनश्यतिशंका से ही विनाश होता है।
यंत्रों से संबंधित लाभ-
श्रीयंत्र- र्सव मनोकामना पूर्ति हेतु।
गणेश यंत्र- व्यापारिक सफलता हेतु।
श्री लक्ष्मी यंत्र -आर्थिक सफलता हेतु।
श्री बगलामुखी यंत्र- शत्रु पर विजय के लिए।
श्री महामृत्युंञ्जय यंत्र- लंबी उम्र के लिए।
श्री हनुमान यंत्र- बुरे आत्मा से बचाव के लिए।
दुर्गा यंत्र- कार्यो में सफलता के लिए।
काल माया मोहिनी यंत्र- इच्छापूर्ति के लिए।

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