RAJ INFOTECH SYSTEM @ NETWORK

RAJ INFOTECH SYSTEM @ NETWORK
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥ हे नाथ मैँ आपको भूलूँ नही...!! हे नाथ ! आप मेरे हृदय मेँ ऐसी आग लगा देँ कि आपकी प्रीति के बिना मै जी न सकूँ.

Wednesday, September 4, 2013

ईश्वर अंश जीव अविनाशी, चेतन अमल सहज सुख राशि



ॐ रामाया राम भद्राय रामच्न्द्राया मानसा
रघुनाथाया नाथाय सिताये पतिये नम



एक भरोस एक बल एक आस विश्वास
एक रामघन हेतु चातक दास
सिया राम मय सब जग जानी, करहुं प्रणाम जोरी जुग पानी।
हरि व्यापक सर्वत्र समाना, प्रेमते प्रगट होहिं मैं जाना।
 हरि अनंत हरि कथा अनंता
 जाकि रही भावना जैसी। हरि मूरति देखी तिन तैसी।

बंदहू गुरु पद कंज कृपा सिंध नर रूप हरी महा मोह तम पुंज जासु कृपा रविकर निकर
गुरु पित मात महेश भवानी प्रन्वहू दीन बंधू दिन दानी
प्रन्वहू पवन कुमार खल बल पावन ज्ञान धन जासु हृदये आगर बसई राम सर चाप धर
जनक सुता जग जननी जानकी अति सय प्रिये करुना निधान की जाके जुग पद कमल मनाऊ जासु कृपा निर्मल मति पाऊ
देव दनुज नर नाग खग प्रेत पितर गंधर्बे बंदहू किन्नर रजनीचर कृपा करो अब सर्व
बंदहू संत असज्जन चरना दुखप्रद उभई बीच कछु बरना मिळत एक दारुण दुख देही बिशरत एक प्राण हर लेही
बंदहू संत संमान चित हित अनहित नही कोई अंजलि गत शुभ सुमन जिम सम सुगंध कर दोई
आकर चार लाख चोरासी जाती जीव जल थल नभ वासी सिया राम में सब जग जानी करहु प्रणाम जोरी जग पानी
जढ़ चेतन जग जीव जत सकल राम मई जानी बंदहू सब के चरण कमल सदा जोरी जग पानी



 

1 comment: