हे नाथ
मैँ आपको भूलूँ नही...!! हे नाथ ! आप मेरे हृदय मेँ ऐसी आग लगा देँ कि आपकी प्रीति
के बिना मै जी न सकूँ.
ईश्वर अंश जीव अविनाशी, चेतन अमल सहज सुख राशि
जय राम रमारमणं
जय राम रमारमणं समनं | भव
ताप भयाकुल पाहि जनं ||
अवधेस सुरेस रमेस विभो | सरनागत मागत पाहि प्रभो ||१||
अवधेस सुरेस रमेस विभो | सरनागत मागत पाहि प्रभो ||१||
गुन सील कृपा
परमायतनं | प्रनमामि निरंतर
श्रीरमणं |
दोहा:
बार बार बर मांगऊ हारिशी देहु श्रीरंग |
पदसरोज अनपायनी भागती सदा सतसंग ||
बरनी उमापति राम गुन हरषि गए कैलास |
तब प्रभु कपिन्ह दिवाए सब बिधि सुखप्रद बास ||
पदसरोज अनपायनी भागती सदा सतसंग ||
बरनी उमापति राम गुन हरषि गए कैलास |
तब प्रभु कपिन्ह दिवाए सब बिधि सुखप्रद बास ||
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