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हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥ हे नाथ मैँ आपको भूलूँ नही...!! हे नाथ ! आप मेरे हृदय मेँ ऐसी आग लगा देँ कि आपकी प्रीति के बिना मै जी न सकूँ.

Tuesday, February 12, 2013

!! श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेवाय !!


 हे नाथ मैँ आपको भूलूँ नही...!! हे नाथ ! आप मेरे हृदय मेँ ऐसी आग लगा देँ कि आपकी प्रीति के बिना मै जी न सकूँ.
ईश्वर अंश जीव अविनाशी, चेतन अमल सहज सुख राशि
 
जय राम रमारमणं
जय राम रमारमणं समनं | भव ताप भयाकुल पाहि जनं ||
अवधेस सुरेस रमेस विभो
| सरनागत मागत पाहि प्रभो ||||
गुन सील कृपा परमायतनं | प्रनमामि निरंतर श्रीरमणं |
दोहा:
बार बार बर मांगऊ हारिशी देहु श्रीरंग |
पदसरोज अनपायनी भागती सदा सतसंग
||
बरनी उमापति राम गुन हरषि गए कैलास
|
तब प्रभु कपिन्ह दिवाए सब बिधि सुखप्रद बास
||

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