शिवसहस्त्रनाम
शिवसहस्त्रनाम
(भगवान शिव)
शिव सहस्त्रनाम
ॐ स्थिराय नमः॥
ॐ स्थाणवे नमः॥
ॐ प्रभवे नमः॥
ॐ भीमाय नमः॥
ॐ प्रवराय नमः॥
ॐ वरदाय नमः॥
ॐ वराय नमः॥
ॐ सर्वात्मने नमः॥
ॐ सर्वविख्याताय नमः॥
ॐ सर्वस्मै नमः॥
ॐ सर्वकाराय नमः॥
ॐ भवाय नमः॥
ॐ जटिने नमः॥
ॐ चर्मिणे नमः॥
ॐ शिखण्डिने नमः॥
ॐ सर्वांङ्गाय नमः॥
ॐ सर्वभावाय नमः॥
ॐ हराय नमः॥
ॐ हरिणाक्षाय नमः॥
ॐ सर्वभूतहराय नमः॥
ॐ प्रभवे नमः॥
ॐ प्रवृत्तये नमः॥
ॐ निवृत्तये नमः॥
ॐ नियताय नमः॥
ॐ शाश्वताय नमः॥
ॐ ध्रुवाय नमः॥
ॐ श्मशानवासिने नमः॥
ॐ भगवते नमः॥
ॐ खेचराय नमः॥
ॐ गोचराय नमः॥
ॐ अर्दनाय नमः॥
ॐ अभिवाद्याय नमः॥
ॐ महाकर्मणे नमः॥
ॐ तपस्विने नमः॥
ॐ भूतभावनाय नमः॥
ॐ उन्मत्तवेषप्रच्छन्नाय नमः॥
ॐ सर्वलोकप्रजापतये नमः॥
ॐ महारूपाय नमः॥
ॐ महाकायाय नमः॥
ॐ वृषरूपाय नमः॥
ॐ महायशसे नमः॥
ॐ महात्मने नमः॥
ॐ सर्वभूतात्मने नमः॥
ॐ विश्वरूपाय नमः॥
ॐ महाहनवे नमः॥
ॐ लोकपालाय नमः॥
ॐ अंतर्हितात्मने नमः॥
ॐ प्रसादाय नमः॥
ॐ हयगर्दभाय नमः॥
ॐ पवित्राय नमः॥
ॐ महते नमः॥
ॐ नियमाय नमः॥
ॐ नियमाश्रिताय नमः॥
ॐ सर्वकर्मणे नमः॥
ॐ स्वयंभूताय नमः॥
ॐ आदये नमः॥
ॐ आदिकराय नमः॥
ॐ निधये नमः॥
ॐ सहस्राक्षाय नमः॥
ॐ विशालाक्षाय नमः॥
ॐ सोमाय नमः॥
ॐ नक्षत्रसाधकाय नमः॥
ॐ चंद्राय नमः॥
ॐ सूर्याय नमः॥
ॐ शनये नमः॥
ॐ केतवे नमः॥
ॐ ग्रहाय नमः॥
ॐ ग्रहपतये नमः॥
ॐ वराय नमः॥
ॐ अत्रये नमः॥
ॐ अत्र्यानमस्कर्त्रे नमः॥
ॐ मृगबाणार्पणाय नमः॥
ॐ अनघाय नमः॥
ॐ महातपसे नमः॥
ॐ घोरतपसे नमः॥
ॐ अदीनाय नमः॥
ॐ दीनसाधककराय नमः॥
ॐ संवत्सरकराय नमः॥
ॐ मंत्राय नमः॥
ॐ प्रमाणाय नमः॥
ॐ परमन्तपाय नमः॥
ॐ योगिने नमः॥
ॐ योज्याय नमः॥
ॐ महाबीजाय नमः॥
ॐ महारेतसे नमः॥
ॐ महाबलाय नमः॥
ॐ सुवर्णरेतसे नमः॥
ॐ सर्वज्ञाय नमः॥
ॐ सुबीजाय नमः॥
ॐ बीजवाहनाय नमः॥
ॐ दशबाहवे नमः॥
ॐ अनिमिषाय नमः॥
ॐ नीलकण्ठाय नमः॥
ॐ उमापतये नमः॥ ॐ
विश्वरूपाय नमः॥
ॐ स्वयंश्रेष्ठाय नमः॥
ॐ बलवीराय नमः॥
ॐ अबलोगणाय नमः॥
ॐ गणकर्त्रे नमः॥
ॐ गणपतये नमः॥
ॐ दिग्वाससे नमः॥
ॐ कामाय नमः॥
ॐ मंत्रविदे नमः॥
ॐ परममन्त्राय नमः॥
ॐ सर्वभावकराय नमः॥
ॐ हराय नमः॥
ॐ कमण्डलुधराय नमः॥
ॐ धन्विते नमः॥
ॐ बाणहस्ताय नमः॥
ॐ कपालवते नमः॥
ॐ अशनिने नमः॥
ॐ शतघ्निने नमः॥
ॐ खड्गिने नमः॥
ॐ पट्टिशिने नमः॥
ॐ आयुधिने नमः॥
ॐ महते नमः॥
ॐ स्रुवहस्ताय नमः॥
ॐ सुरूपाय नमः॥
ॐ तेजसे नमः॥
ॐ तेजस्करनिधये नमः॥
ॐ उष्णीषिणे नमः॥
ॐ सुवक्त्राय नमः॥
ॐ उदग्राय नमः॥
ॐ विनताय नमः॥
ॐ दीर्घाय नमः॥
ॐ हरिकेशाय नमः॥
ॐ सुतीर्थाय नमः॥
ॐ कृष्णाय नमः॥
ॐ श्रृगालरूपाय नमः॥
ॐ सिद्धार्थाय नमः॥
ॐ मुण्डाय नमः॥
ॐ सर्वशुभंकराय नमः॥
ॐ अजाय नमः॥
ॐ बहुरूपाय नमः॥
ॐ गन्धधारिणे नमः॥
ॐ कपर्दिने नमः॥
ॐ उर्ध्वरेतसे नमः॥
ॐ उर्ध्वलिंगाय नमः॥
ॐ उर्ध्वशायिने नमः॥
ॐ नभस्थलाय नमः॥
ॐ त्रिजटाय नमः॥
ॐ चीरवाससे नमः॥
ॐ रूद्राय नमः॥
ॐ सेनापतये नमः॥
ॐ विभवे नमः॥
ॐ अहश्चराय नमः॥
ॐ नक्तंचराय नमः॥
ॐ तिग्ममन्यवे नमः॥
ॐ सुवर्चसाय नमः॥
ॐ गजघ्ने नमः॥
ॐ दैत्यघ्ने नमः॥
ॐ कालाय नमः॥
ॐ लोकधात्रे नमः॥
ॐ गुणाकराय नमः॥
ॐ सिंहसार्दूलरूपाय नमः॥
ॐ आर्द्रचर्माम्बराय नमः॥
ॐ कालयोगिने नमः॥
ॐ महानादाय नमः॥
ॐ सर्वकामाय नमः॥
ॐ चतुष्पथाय नमः॥
ॐ निशाचराय नमः॥
ॐ प्रेतचारिणे नमः॥
ॐ भूतचारिणे नमः॥
ॐ महेश्वराय नमः॥
ॐ बहुभूताय नमः॥
ॐ बहुधराय नमः॥
ॐ स्वर्भानवे नमः॥
ॐ अमिताय नमः॥
ॐ गतये नमः॥
ॐ नृत्यप्रियाय नमः॥
ॐ नृत्यनर्ताय नमः॥
ॐ नर्तकाय नमः॥ ॐ
सर्वलालसाय नमः॥
ॐ घोराय नमः॥
ॐ महातपसे नमः॥
ॐ पाशाय नमः॥
ॐ नित्याय नमः॥
ॐ गिरिरूहाय नमः॥
ॐ नभसे नमः॥
ॐ सहस्रहस्ताय नमः॥
ॐ विजयाय नमः॥
ॐ व्यवसायाय नमः॥
ॐ अतन्द्रियाय नमः॥
ॐ अधर्षणाय नमः॥
ॐ धर्षणात्मने नमः॥
ॐ यज्ञघ्ने नमः॥
ॐ कामनाशकाय नमः॥
ॐ दक्षयागापहारिणे नमः॥
ॐ सुसहाय नमः॥
ॐ मध्यमाय नमः॥
ॐ तेजोपहारिणे नमः॥
ॐ बलघ्ने नमः॥
ॐ मुदिताय नमः॥
ॐ अर्थाय नमः॥
ॐ अजिताय नमः॥
ॐ अवराय नमः॥
ॐ गम्भीरघोषाय नमः॥
ॐ गम्भीराय नमः॥
ॐ गंभीरबलवाहनाय नमः॥
ॐ न्यग्रोधरूपाय नमः॥
ॐ न्यग्रोधाय नमः॥ ॐ वृक्षकर्णस्थितये नमः॥ ॐ विभवे नमः॥ ॐ सुतीक्ष्णदशनाय नमः॥ ॐ महाकायाय नमः॥ ॐ महाननाय नमः॥ ॐ विश्वकसेनाय नमः॥ ॐ हरये नमः॥ ॐ यज्ञाय नमः॥ ॐ संयुगापीडवाहनाय नमः॥ ॐ तीक्ष्णतापाय नमः॥ ॐ हर्यश्वाय नमः॥ ॐ सहायाय नमः॥ ॐ कर्मकालविदे नमः॥ ॐ विष्णुप्रसादिताय नमः॥ ॐ यज्ञाय नमः॥ ॐ समुद्राय नमः॥ ॐ वडमुखाय नमः॥ ॐ हुताशनसहायाय नमः॥ ॐ प्रशान्तात्मने नमः॥ ॐ हुताशनाय नमः॥ ॐ उग्रतेजसे नमः॥ ॐ महातेजसे नमः॥ ॐ जन्याय नमः॥ ॐ विजयकालविदे नमः॥ ॐ ज्योतिषामयनाय नमः॥ ॐ सिद्धये नमः॥ ॐ सर्वविग्रहाय नमः॥ ॐ शिखिने नमः॥ ॐ मुण्डिने नमः॥ ॐ जटिने नमः॥ ॐ ज्वालिने नमः॥ ॐ मूर्तिजाय नमः॥ ॐ मूर्ध्दगाय नमः॥ ॐ बलिने नमः॥ ॐ वेणविने नमः॥ ॐ पणविने नमः॥ ॐ तालिने नमः॥ ॐ खलिने नमः॥ ॐ कालकंटकाय नमः॥ ॐ नक्षत्रविग्रहमतये नमः॥ ॐ गुणबुद्धये नमः॥ ॐ लयाय नमः॥ ॐ अगमाय नमः॥ ॐ प्रजापतये नमः॥ ॐ विश्वबाहवे नमः॥ ॐ विभागाय नमः॥ ॐ सर्वगाय नमः॥ ॐ अमुखाय नमः॥ ॐ विमोचनाय नमः॥
ॐ सुसरणाय नमः॥ ॐ हिरण्यकवचोद्भाय नमः॥ ॐ मेढ्रजाय नमः॥ ॐ बलचारिणे नमः॥ ॐ महीचारिणे नमः॥ ॐ स्रुत्याय नमः॥ ॐ सर्वतूर्यनिनादिने नमः॥ ॐ सर्वतोद्यपरिग्रहाय नमः॥ ॐ व्यालरूपाय नमः॥ ॐ गुहावासिने नमः॥ ॐ गुहाय नमः॥ ॐ मालिने नमः॥ ॐ तरंगविदे नमः॥ ॐ त्रिदशाय नमः॥ ॐ त्रिकालधृगे नमः॥ ॐ कर्मसर्वबन्ध-विमोचनाय नमः॥ ॐ असुरेन्द्राणां बन्धनाय नमः॥ ॐ युधि शत्रुवानाशिने नमः॥ ॐ सांख्यप्रसादाय नमः॥ ॐ दुर्वाससे नमः॥ ॐ सर्वसाधुनिषेविताय नमः॥ ॐ प्रस्कन्दनाय नमः॥ ॐ विभागज्ञाय नमः॥ ॐ अतुल्याय नमः॥ ॐ यज्ञविभागविदे नमः॥ ॐ सर्वचारिणे नमः॥ ॐ सर्ववासाय नमः॥ ॐ दुर्वाससे नमः॥ ॐ वासवाय नमः॥ ॐ अमराय नमः॥ ॐ हैमाय नमः॥ ॐ हेमकराय नमः॥ ॐ अयज्ञसर्वधारिणे नमः॥ ॐ धरोत्तमाय नमः॥ ॐ लोहिताक्षाय नमः॥ ॐ महाक्षाय नमः॥ ॐ विजयाक्षाय नमः॥ ॐ विशारदाय नमः॥ ॐ संग्रहाय नमः॥ ॐ निग्रहाय नमः॥ ॐ कर्त्रे नमः॥ ॐ सर्पचीरनिवसनाय नमः॥ ॐ मुख्याय नमः॥ ॐ अमुख्याय नमः॥ ॐ देहाय नमः॥ ॐ काहलये नमः॥ ॐ सर्वकामदाय नमः॥ ॐ सर्वकालप्रसादाय नमः॥ ॐ सुबलाय नमः॥ ॐ बलरूपधृगे नमः॥ ॐ सर्वकामवराय नमः॥ ॐ सर्वदाय नमः॥ ॐ सर्वतोमुखाय नमः॥ ॐ आकाशनिर्विरूपाय नमः॥ ॐ निपातिने नमः॥ ॐ अवशाय नमः॥ ॐ खगाय नमः॥
ॐ रौद्ररूपाय नमः॥ ॐ अंशवे नमः॥ ॐ आदित्याय नमः॥ ॐ बहुरश्मये नमः॥ ॐ सुवर्चसिने नमः॥ ॐ वसुवेगाय नमः॥ ॐ महावेगाय नमः॥ ॐ मनोवेगाय नमः॥ ॐ निशाचराय नमः॥ ॐ सर्ववासिने नमः॥ ॐ श्रियावासिने नमः॥ ॐ उपदेशकराय नमः॥ ॐ अकराय नमः॥ ॐ मुनये नमः॥ ॐ आत्मनिरालोकाय नमः॥ ॐ संभग्नाय नमः॥ ॐ सहस्रदाय नमः॥ ॐ पक्षिणे नमः॥ ॐ पक्षरूपाय नमः॥ ॐ अतिदीप्ताय नमः॥ ॐ विशाम्पतये नमः॥ ॐ उन्मादाय नमः॥ ॐ मदनाय नमः॥ ॐ कामाय नमः॥ ॐ अश्वत्थाय नमः॥ ॐ अर्थकराय नमः॥ ॐ यशसे नमः॥ ॐ वामदेवाय नमः॥ ॐ वामाय नमः॥ ॐ प्राचे नमः॥ ॐ दक्षिणाय नमः॥ ॐ वामनाय नमः॥ ॐ सिद्धयोगिने नमः॥ ॐ महर्षये नमः॥ ॐ सिद्धार्थाय नमः॥ ॐ सिद्धसाधकाय नमः॥ ॐ भिक्षवे नमः॥ ॐ भिक्षुरूपाय नमः॥ ॐ विपणाय नमः॥ ॐ मृदवे नमः॥ ॐ अव्ययाय नमः॥ ॐ महासेनाय नमः॥ ॐ विशाखाय नमः॥
ॐ षष्टिभागाय नमः॥ ॐ गवाम्पतये नमः॥ ॐ वज्रहस्ताय नमः॥ ॐ विष्कम्भिने नमः॥ ॐ चमुस्तंभनाय नमः॥ ॐ वृत्तावृत्तकराय नमः॥ ॐ तालाय नमः॥ ॐ मधवे नमः॥ ॐ मधुकलोचनाय नमः॥ ॐ वाचस्पतये नमः॥ ॐ वाजसनाय नमः॥ ॐ नित्यमाश्रमपूजिताय नमः॥ ॐ ब्रह्मचारिणे नमः॥ ॐ लोकचारिणे नमः॥ ॐ सर्वचारिणे नमः॥ ॐ विचारविदे नमः॥ ॐ ईशानाय नमः॥ ॐ ईश्वराय नमः॥ ॐ कालाय नमः॥ ॐ निशाचारिणे नमः॥ ॐ पिनाकधृगे नमः॥ ॐ निमितस्थाय नमः॥ ॐ निमित्ताय नमः॥ ॐ नन्दये नमः॥ ॐ नन्दिकराय नमः॥ ॐ हरये नमः॥ ॐ नन्दीश्वराय नमः॥ ॐ नन्दिने नमः॥ ॐ नन्दनाय नमः॥ ॐ नंन्दीवर्धनाय नमः॥ ॐ भगहारिणे नमः॥ ॐ निहन्त्रे नमः॥ ॐ कालाय नमः॥ ॐ ब्रह्मणे नमः॥ ॐ पितामहाय नमः॥ ॐ चतुर्मुखाय नमः॥ ॐ महालिंगाय नमः॥ ॐ चारूलिंगाय नमः॥ ॐ लिंगाध्यक्षाय नमः॥ ॐ सुराध्यक्षाय नमः॥ ॐ योगाध्यक्षाय नमः॥ ॐ युगावहाय नमः॥ ॐ बीजाध्यक्षाय नमः॥ ॐ बीजकर्त्रे नमः॥ ॐ अध्यात्मानुगताय नमः॥ ॐ बलाय नमः॥ ॐ इतिहासाय नमः॥ ॐ सकल्पाय नमः॥ ॐ गौतमाय नमः॥ ॐ निशाकराय नमः॥
ॐ दम्भाय नमः॥ ॐ अदम्भाय नमः॥ ॐ वैदम्भाय नमः॥ ॐ वश्याय नमः॥ ॐ वशकराय नमः॥ ॐ कलये नमः॥ ॐ लोककर्त्रे नमः॥ ॐ पशुपतये नमः॥ ॐ महाकर्त्रे नमः॥ ॐ अनौषधाय नमः॥ ॐ अक्षराय नमः॥ ॐ परब्रह्मणे नमः॥ ॐ बलवते नमः॥ ॐ शक्राय नमः॥ ॐ नीतये नमः॥ ॐ अनीतये नमः॥ ॐ शुद्धात्मने नमः॥ ॐ मान्याय नमः॥ ॐ शुद्धाय नमः॥ ॐ गतागताय नमः॥ ॐ बहुप्रसादाय नमः॥ ॐ सुस्पप्नाय नमः॥ ॐ दर्पणाय नमः॥ ॐ अमित्रजिते नमः॥ ॐ वेदकराय नमः॥ ॐ मंत्रकराय नमः॥ ॐ विदुषे नमः॥ ॐ समरमर्दनाय नमः॥ ॐ महामेघनिवासिने नमः॥ ॐ महाघोराय नमः॥ ॐ वशिने नमः॥ ॐ कराय नमः॥ ॐ अग्निज्वालाय नमः॥ ॐ महाज्वालाय नमः॥ ॐ अतिधूम्राय नमः॥ ॐ हुताय नमः॥ ॐ हविषे नमः॥ ॐ वृषणाय नमः॥ ॐ शंकराय नमः॥ ॐ नित्यंवर्चस्विने नमः॥ ॐ धूमकेताय नमः॥ ॐ नीलाय नमः॥ ॐ अंगलुब्धाय नमः॥ ॐ शोभनाय नमः॥ ॐ निरवग्रहाय नमः॥ ॐ स्वस्तिदायकाय नमः॥ ॐ स्वस्तिभावाय नमः॥ ॐ भागिने नमः॥ ॐ भागकराय नमः॥ ॐ लघवे नमः॥
ॐ उत्संगाय नमः॥ ॐ महांगाय नमः॥ ॐ महागर्भपरायणाय नमः॥ ॐ कृष्णवर्णाय नमः॥ ॐ सुवर्णाय नमः॥ ॐ सर्वदेहिनामिनिन्द्राय नमः॥ ॐ महापादाय नमः॥ ॐ महाहस्ताय नमः॥ ॐ महाकायाय नमः॥ ॐ महायशसे नमः॥ ॐ महामूर्धने नमः॥ ॐ महामात्राय नमः॥ ॐ महानेत्राय नमः॥ ॐ निशालयाय नमः॥ ॐ महान्तकाय नमः॥ ॐ महाकर्णाय नमः॥ ॐ महोष्ठाय नमः॥ ॐ महाहनवे नमः॥ ॐ महानासाय नमः॥ ॐ महाकम्बवे नमः॥ ॐ महाग्रीवाय नमः॥ ॐ श्मशानभाजे नमः॥ ॐ महावक्षसे नमः॥ ॐ महोरस्काय नमः॥ ॐ अंतरात्मने नमः॥ ॐ मृगालयाय नमः॥ ॐ लंबनाय नमः॥ ॐ लम्बितोष्ठाय नमः॥ ॐ महामायाय नमः॥ ॐ पयोनिधये नमः॥ ॐ महादन्ताय नमः॥ ॐ महाद्रष्टाय नमः॥ ॐ महाजिह्वाय नमः॥ ॐ महामुखाय नमः॥ ॐ महारोम्णे नमः॥ ॐ महाकोशाय नमः॥ ॐ महाजटाय नमः॥ ॐ प्रसन्नाय नमः॥ ॐ प्रसादाय नमः॥ ॐ प्रत्ययाय नमः॥ ॐ गिरिसाधनाय नमः॥ ॐ स्नेहनाय नमः॥ ॐ अस्नेहनाय नमः॥ ॐ अजिताय नमः॥ ॐ महामुनये नमः॥ ॐ वृक्षाकाराय नमः॥ ॐ वृक्षकेतवे नमः॥ ॐ अनलाय नमः॥ ॐ वायुवाहनाय नमः॥
ॐ गण्डलिने नमः॥
ॐ मेरूधाम्ने नमः॥
ॐ देवाधिपतये नमः॥
ॐ अथर्वशीर्षाय नमः॥
ॐ सामास्या नमः॥
ॐ ऋक्सहस्रामितेक्षणाय नमः॥
ॐ यजुः॥ पादभुजाय नमः॥
ॐ गुह्याय नमः॥
ॐ प्रकाशाय नमः॥
ॐ जंगमाय नमः॥
ॐ अमोघार्थाय नमः॥
ॐ प्रसादाय नमः॥
ॐ अभिगम्याय नमः॥
ॐ सुदर्शनाय नमः॥
ॐ उपकाराय नमः॥
ॐ प्रियाय नमः॥
ॐ सर्वाय नमः॥
ॐ कनकाय नमः॥
ॐ काञ्चनवच्छये नमः॥
ॐ नाभये नमः॥
ॐ नन्दिकराय नमः॥
ॐ भावाय नमः॥
ॐ पुष्करथपतये नमः॥
ॐ स्थिराय नमः॥
ॐ द्वादशाय नमः॥
ॐ त्रासनाय नमः॥
ॐ आद्याय नमः॥
ॐ यज्ञाय नमः॥
ॐ यज्ञसमाहिताय नमः॥
ॐ नक्तंस्वरूपाय नमः॥
ॐ कलये नमः॥
ॐ कालाय नमः॥
ॐ मकराय नमः॥
ॐ कालपूजिताय नमः॥
ॐ सगणाय नमः॥
ॐ गणकराय नमः॥
ॐ भूतवाहनसारथये नमः॥
ॐ भस्मशयाय नमः॥
ॐ भस्मगोप्त्रे नमः॥
ॐ भस्मभूताय नमः॥
ॐ तरवे नमः॥
ॐ गणाय नमः॥
ॐ लोकपालाय नमः॥
ॐ आलोकाय नमः॥
ॐ महात्मने नमः॥
ॐ सर्वपूजिताय नमः॥
ॐ शुक्लाय नमः॥
ॐ त्रिशुक्लाय नमः॥
ॐ संपन्नाय नमः॥
ॐ शुचये नमः॥ (550)
ॐ भूतनिशेविताय नमः॥
ॐ आश्रमस्थाय नमः॥
ॐ क्रियावस्थाय नमः॥
ॐ विश्वकर्ममतये नमः॥
ॐ वराय नमः॥
ॐ विशालशाखाय नमः॥
ॐ ताम्रोष्ठाय नमः॥
ॐ अम्बुजालाय नमः॥
ॐ सुनिश्चलाय नमः॥
ॐ कपिलाय नमः॥
ॐ कपिशाय नमः॥
ॐ शुक्लाय नमः॥
ॐ आयुषे नमः॥
ॐ पराय नमः॥
ॐ अपराय नमः॥
ॐ गंधर्वाय नमः॥
ॐ अदितये नमः॥
ॐ ताक्ष्याय नमः॥
ॐ सुविज्ञेयाय नमः॥
ॐ सुशारदाय नमः॥
ॐ परश्वधायुधाय नमः॥
ॐ देवाय नमः॥
ॐ अनुकारिणे नमः॥
ॐ सुबान्धवाय नमः॥
ॐ तुम्बवीणाय नमः॥
ॐ महाक्रोधाय नमः॥
ॐ ऊर्ध्वरेतसे नमः॥
ॐ जलेशयाय नमः॥
ॐ उग्राय नमः॥
ॐ वंशकराय नमः॥
ॐ वंशाय नमः॥
ॐ वंशानादाय नमः॥
ॐ अनिन्दिताय नमः॥
ॐ सर्वांगरूपाय नमः॥
ॐ मायाविने नमः॥
ॐ सुहृदे नमः॥
ॐ अनिलाय नमः॥
ॐ अनलाय नमः॥
ॐ बन्धनाय नमः॥
ॐ बन्धकर्त्रे नमः॥
ॐ सुवन्धनविमोचनाय नमः॥
ॐ सयज्ञयारये नमः॥
ॐ सकामारये नमः॥
ॐ महाद्रष्टाय नमः॥
ॐ महायुधाय नमः॥
ॐ बहुधानिन्दिताय नमः॥
ॐ शर्वाय नमः॥
ॐ शंकराय नमः॥
ॐ शं कराय नमः॥
ॐ अधनाय नमः॥
ॐ अमरेशाय नमः॥
ॐ महादेवाय नमः॥
ॐ विश्वदेवाय नमः॥
ॐ सुरारिघ्ने नमः॥
ॐ अहिर्बुद्धिन्याय नमः॥
ॐ अनिलाभाय नमः॥
ॐ चेकितानाय नमः॥
ॐ हविषे नमः॥
ॐ अजैकपादे नमः॥
ॐ कापालिने नमः॥
ॐ त्रिशंकवे नमः॥
ॐ अजिताय नमः॥
ॐ शिवाय नमः॥
ॐ धन्वन्तरये नमः॥
ॐ धूमकेतवे नमः॥
ॐ स्कन्दाय नमः॥
ॐ वैश्रवणाय नमः॥
ॐ धात्रे नमः॥
ॐ शक्राय नमः॥
ॐ विष्णवे नमः॥
ॐ मित्राय नमः॥
ॐ त्वष्ट्रे नमः॥
ॐ ध्रुवाय नमः॥
ॐ धराय नमः॥
ॐ प्रभावाय नमः॥
ॐ सर्वगोवायवे नमः॥
ॐ अर्यम्णे नमः॥
ॐ सवित्रे नमः॥
ॐ रवये नमः॥
ॐ उषंगवे नमः॥
ॐ विधात्रे नमः॥
ॐ मानधात्रे नमः॥
ॐ भूतवाहनाय नमः॥
ॐ विभवे नमः॥
ॐ वर्णविभाविने नमः॥
ॐ सर्वकामगुणवाहनाय नमः॥
ॐ पद्मनाभाय नमः॥
ॐ महागर्भाय नमः॥
चन्द्रवक्त्राय नमः॥
ॐ अनिलाय नमः॥
ॐ अनलाय नमः॥
ॐ बलवते नमः॥
ॐ उपशान्ताय नमः॥
ॐ पुराणाय नमः॥
ॐ पुण्यचञ्चवे नमः॥
ॐ ईरूपाय नमः॥
ॐ कुरूकर्त्रे नमः॥
ॐ कुरूवासिने नमः॥
ॐ कुरूभूताय नमः॥
ॐ गुणौषधाय नमः॥
ॐ सर्वाशयाय नमः॥
ॐ दर्भचारिणे नमः॥
ॐ सर्वप्राणिपतये नमः॥
ॐ देवदेवाय नमः॥
ॐ सुखासक्ताय नमः॥
ॐ सत स्वरूपाय नमः॥
ॐ असत् रूपाय नमः॥
ॐ सर्वरत्नविदे नमः॥
ॐ कैलाशगिरिवासने नमः॥
ॐ हिमवद्गिरिसंश्रयाय नमः॥
ॐ कूलहारिणे नमः॥
ॐ कुलकर्त्रे नमः॥
ॐ बहुविद्याय नमः॥
ॐ बहुप्रदाय नमः॥
ॐ वणिजाय नमः॥
ॐ वर्धकिने नमः॥
ॐ वृक्षाय नमः॥
ॐ बकुलाय नमः॥
ॐ चंदनाय नमः॥
ॐ छदाय नमः॥
ॐ सारग्रीवाय नमः॥
ॐ महाजत्रवे नमः॥
ॐ अलोलाय नमः॥
ॐ महौषधाय नमः॥
ॐ सिद्धार्थकारिणे नमः॥
ॐ छन्दोव्याकरणोत्तर-सिद्धार्थाय नमः॥
ॐ सिंहनादाय नमः॥
ॐ सिंहद्रंष्टाय नमः॥
ॐ सिंहगाय नमः॥
ॐ सिंहवाहनाय नमः॥
ॐ प्रभावात्मने नमः॥
ॐ जगतकालस्थालाय नमः॥
ॐ लोकहिताय नमः॥
ॐ तरवे नमः॥
ॐ सारंगाय नमः॥
ॐ नवचक्रांगाय नमः॥
ॐ केतुमालिने नमः॥
ॐ सभावनाय नमः॥
ॐ भूतालयाय नमः॥
ॐ भूतपतये नमः॥
ॐ अहोरात्राय नमः॥
ॐ अनिन्दिताय नमः॥
ॐ सर्वभूतवाहित्रे नमः॥
ॐ सर्वभूतनिलयाय नमः॥
ॐ विभवे नमः॥
ॐ भवाय नमः॥
ॐ अमोघाय नमः॥
ॐ संयताय नमः॥
ॐ अश्वाय नमः॥
ॐ भोजनाय नमः॥
ॐ प्राणधारणाय नमः॥
ॐ धृतिमते नमः॥
ॐ मतिमते नमः॥
ॐ दक्षाय नमः॥
ॐ सत्कृयाय नमः॥
ॐ युगाधिपाय नमः॥
ॐ गोपाल्यै नमः॥
ॐ गोपतये नमः॥
ॐ ग्रामाय नमः॥
ॐ गोचर्मवसनाय नमः॥
ॐ हरये नमः॥
ॐ हिरण्यबाहवे नमः॥
ॐ प्रवेशिनांगुहापालाय नमः॥
ॐ प्रकृष्टारये नमः॥
ॐ महाहर्षाय नमः॥
ॐ जितकामाय नमः॥
ॐ जितेन्द्रियाय नमः॥
ॐ गांधाराय नमः॥
ॐ सुवासाय नमः॥
ॐ तपः॥सक्ताय नमः॥
ॐ रतये नमः॥
ॐ नराय नमः॥
ॐ महागीताय नमः॥
ॐ महानृत्याय नमः॥
ॐ अप्सरोगणसेविताय नमः॥
ॐ महाकेतवे नमः॥
ॐ महाधातवे नमः॥
ॐ नैकसानुचराय नमः॥
ॐ चलाय नमः॥
ॐ आवेदनीयाय नमः॥
ॐ आदेशाय नमः॥
ॐ सर्वगंधसुखावहाय नमः॥
ॐ तोरणाय नमः॥
ॐ तारणाय नमः॥
ॐ वाताय नमः॥
ॐ परिधये नमः॥
ॐ पतिखेचराय नमः॥
ॐ संयोगवर्धनाय नमः॥
ॐ वृद्धाय नमः॥
ॐ गुणाधिकाय नमः॥
ॐ अतिवृद्धाय नमः॥
ॐ नित्यात्मसहायाय नमः॥
ॐ देवासुरपतये नमः॥
ॐ पत्ये नमः॥
ॐ युक्ताय नमः॥
ॐ युक्तबाहवे नमः॥
ॐ दिविसुपर्वदेवाय नमः॥
ॐ आषाढाय नमः॥
ॐ सुषाढ़ाय नमः॥
ॐ ध्रुवाय नमः॥
ॐ हरिणाय नमः॥
ॐ हराय नमः॥
ॐ आवर्तमानवपुषे नमः॥
ॐ वसुश्रेष्ठाय नमः॥
ॐ महापथाय नमः॥
ॐ विमर्षशिरोहारिणे नमः॥
ॐ सर्वलक्षणलक्षिताय नमः॥
ॐ अक्षरथयोगिने नमः॥
ॐ सर्वयोगिने नमः॥
ॐ महाबलाय नमः॥
ॐ समाम्नायाय नमः॥
ॐ असाम्नायाय नमः॥
ॐ तीर्थदेवाय नमः॥
ॐ महारथाय नमः॥
ॐ निर्जीवाय नमः॥
ॐ जीवनाय नमः॥
ॐ मंत्राय नमः॥
ॐ शुभाक्षाय नमः॥
ॐ बहुकर्कशाय नमः॥
ॐ रत्नप्रभूताय नमः॥
ॐ रत्नांगाय नमः॥
ॐ महार्णवनिपानविदे नमः॥
ॐ मूलाय नमः॥
ॐ विशालाय नमः॥
ॐ अमृताय नमः॥
ॐ व्यक्ताव्यवक्ताय नमः॥
ॐ तपोनिधये नमः॥
ॐ आरोहणाय नमः॥
ॐ अधिरोहाय नमः॥
ॐ शीलधारिणे नमः॥
ॐ महायशसे नमः॥
ॐ सेनाकल्पाय नमः॥
ॐ महाकल्पाय नमः॥
ॐ योगाय नमः॥
ॐ युगकराय नमः॥
ॐ हरये नमः॥
ॐ युगरूपाय नमः॥
ॐ महारूपाय नमः॥
ॐ महानागहतकाय नमः॥
ॐ अवधाय नमः॥
ॐ न्यायनिर्वपणाय नमः॥
ॐ पादाय नमः॥
ॐ पण्डिताय नमः॥
ॐ अचलोपमाय नमः॥
ॐ बहुमालाय नमः॥
ॐ महामालाय नमः॥
ॐ शशिहरसुलोचनाय नमः॥
ॐ विस्तारलवणकूपाय नमः॥
ॐ त्रिगुणाय नमः॥
ॐ सफलोदयाय नमः॥
ॐ त्रिलोचनाय नमः॥
ॐ विषण्डागाय नमः॥
ॐ मणिविद्धाय नमः॥
ॐ जटाधराय नमः॥
ॐ बिन्दवे नमः॥
ॐ विसर्गाय नमः॥
ॐ सुमुखाय नमः॥
ॐ शराय नमः॥
ॐ सर्वायुधाय नमः॥
ॐ सहाय नमः॥
ॐ सहाय नमः॥
ॐ निवेदनाय नमः॥
ॐ सुखाजाताय नमः॥
ॐ सुगन्धराय नमः॥
ॐ महाधनुषे नमः॥
ॐ गंधपालिभगवते नमः॥
ॐ सर्वकर्मोत्थानाय नमः॥
ॐ मन्थानबहुलवायवे नमः॥
ॐ सकलाय नमः॥
ॐ सर्वलोचनाय नमः॥
ॐ तलस्तालाय नमः॥
ॐ करस्थालिने नमः॥
ॐ ऊर्ध्वसंहननाय नमः॥
ॐ महते नमः॥
ॐ छात्राय नमः॥
ॐ सुच्छत्राय नमः॥
ॐ विख्यातलोकाय नमः॥
ॐ सर्वाश्रयक्रमाय नमः॥
ॐ मुण्डाय नमः॥
ॐ विरूपाय नमः॥
ॐ विकृताय नमः॥
ॐ दण्डिने नमः॥
ॐ कुदण्डिने नमः॥
ॐ विकुर्वणाय नमः॥
ॐ हर्यक्षाय नमः॥
ॐ ककुभाय नमः॥
ॐ वज्रिणे नमः॥
ॐ शतजिह्वाय नमः॥
ॐ सहस्रपदे नमः॥
ॐ देवेन्द्राय नमः॥
ॐ सर्वदेवमयाय नमः॥
ॐ गुरवे नमः॥
ॐ सहस्रबाहवे नमः॥
ॐ सर्वांगाय नमः॥
ॐ शरण्याय नमः॥
ॐ सर्वलोककृते नमः॥
ॐ पवित्राय नमः॥
ॐ त्रिककुन्मंत्राय नमः॥
ॐ कनिष्ठाय नमः॥
ॐ कृष्णपिंगलाय नमः॥
ॐ ब्रह्मदण्डविनिर्मात्रे नमः॥
ॐ शतघ्नीपाशशक्तिमते नमः॥
ॐ पद्मगर्भाय नमः॥
ॐ महागर्भाय नमः॥
ॐ ब्रह्मगर्भाय नमः॥
ॐ जलोद्भावाय नमः॥
ॐ गभस्तये नमः॥
ॐ ब्रह्मकृते नमः॥
ॐ ब्रह्मिणे नमः॥
ॐ ब्रह्मविदे नमः॥
ॐ ब्राह्मणाय नमः॥
ॐ गतये नमः॥
ॐ अनंतरूपाय नमः॥
ॐ नैकात्मने नमः॥
ॐ स्वयंभुवतिग्मतेजसे नमः॥
ॐ उर्ध्वगात्मने नमः॥
ॐ पशुपतये नमः॥
ॐ वातरंहसे नमः॥
ॐ मनोजवाय नमः॥
ॐ चंदनिने नमः॥
ॐ पद्मनालाग्राय नमः॥
ॐ सुरभ्युत्तारणाय नमः॥
ॐ नराय नमः॥
ॐ कर्णिकारमहास्रग्विणमे नमः॥
ॐ नीलमौलये नमः॥
ॐ पिनाकधृषे नमः॥
ॐ उमापतये नमः॥
ॐ उमाकान्ताय नमः॥
ॐ जाह्नवीधृषे नमः॥
ॐ उमादवाय नमः॥
ॐ वरवराहाय नमः॥
ॐ वरदाय नमः॥
ॐ वरेण्याय नमः॥
ॐ सुमहास्वनाय नमः॥
ॐ महाप्रसादाय नमः॥
ॐ दमनाय नमः॥
ॐ शत्रुघ्ने नमः॥
ॐ श्वेतपिंगलाय नमः॥
ॐ पीतात्मने नमः॥
ॐ परमात्मने नमः॥
ॐ प्रयतात्मने नमः॥
ॐ प्रधानधृषे नमः॥
ॐ सर्वपार्श्वमुखाय नमः॥
ॐ त्रक्षाय नमः॥
ॐ धर्मसाधारणवराय नमः॥
ॐ चराचरात्मने नमः॥
ॐ सूक्ष्मात्मने नमः॥
ॐ अमृतगोवृषेश्वराय नमः॥
ॐ साध्यर्षये नमः॥
ॐ आदित्यवसवे नमः॥
ॐ विवस्वत्सवित्रमृताय नमः॥
ॐ व्यासाय नमः॥
ॐ सर्गसुसंक्षेपविस्तराय नमः॥
ॐ पर्ययोनराय नमः॥
ॐ ऋतवे नमः॥
ॐ संवत्सराय नमः॥
ॐ मासाय नमः॥
ॐ पक्षाय नमः॥
ॐ संख्यासमापनाय नमः॥
ॐ कलायै नमः॥
ॐ काष्ठायै नमः॥
ॐ लवेभ्यो नमः॥
ॐ मात्रेभ्यो नमः॥
ॐ मुहूर्ताहः॥क्षपाभ्यो नमः॥
ॐ क्षणेभ्यो नमः॥
ॐ विश्वक्षेत्राय नमः॥
ॐ प्रजाबीजाय नमः॥
ॐ लिंगाय नमः॥
ॐ आद्यनिर्गमाय नमः॥
ॐ सत् स्वरूपाय नमः॥
ॐ असत् रूपाय नमः॥
ॐ व्यक्ताय नमः॥
ॐ अव्यक्ताय नमः॥
ॐ पित्रे नमः॥
ॐ मात्रे नमः॥
ॐ पितामहाय नमः॥
ॐ स्वर्गद्वाराय नमः॥
ॐ प्रजाद्वाराय नमः॥
ॐ मोक्षद्वाराय नमः॥
ॐ त्रिविष्टपाय नमः॥
ॐ निर्वाणाय नमः॥
ॐ ह्लादनाय नमः॥
ॐ ब्रह्मलोकाय नमः॥
ॐ परागतये नमः॥
ॐ देवासुरविनिर्मात्रे नमः॥
ॐ देवासुरपरायणाय नमः॥
ॐ देवासुरगुरूवे नमः॥
ॐ देवाय नमः॥
ॐ देवासुरनमस्कृताय नमः॥
ॐ देवासुरमहामात्राय नमः॥
ॐ देवासुरमहामात्राय नमः॥
ॐ देवासुरगणाश्रयाय नमः॥
ॐ देवासुरगणाध्यक्षाय नमः॥
ॐ देवासुरगणाग्रण्ये नमः॥
ॐ देवातिदेवाय नमः॥
ॐ देवर्षये नमः॥
ॐ देवासुरवरप्रदाय नमः॥
ॐ विश्वाय नमः॥
ॐ देवासुरमहेश्वराय नमः॥
ॐ सर्वदेवमयाय नमः॥
ॐ अचिंत्याय नमः॥
ॐ देवात्मने नमः॥
ॐ आत्मसंबवाय नमः॥
ॐ उद्भिदे नमः॥
ॐ त्रिविक्रमाय नमः॥
ॐ वैद्याय नमः॥
ॐ विरजाय नमः॥
ॐ नीरजाय नमः॥
ॐ अमराय नमः॥
ॐ इड्याय नमः॥
ॐ हस्तीश्वराय नमः॥
ॐ व्याघ्राय नमः॥
ॐ देवसिंहाय नमः॥
ॐ नरर्षभाय नमः॥
ॐ विभुदाय नमः॥
ॐ अग्रवराय नमः॥
ॐ सूक्ष्माय नमः॥
ॐ सर्वदेवाय नमः॥
ॐ तपोमयाय नमः॥
ॐ सुयुक्ताय नमः॥
ॐ शोभनाय नमः॥
ॐ वज्रिणे नमः॥
ॐ प्रासानाम्प्रभवाय नमः॥
ॐ अव्ययाय नमः॥
ॐ गुहाय नमः॥
ॐ कान्ताय नमः॥
ॐ निजसर्गाय नमः॥
ॐ पवित्राय नमः॥
ॐ सर्वपावनाय नमः॥
ॐ श्रृंगिणे नमः॥
ॐ श्रृंगप्रियाय नमः॥
ॐ बभ्रवे नमः॥
ॐ राजराजाय नमः॥
ॐ निरामयाय नमः॥
ॐ अभिरामाय नमः॥
ॐ सुरगणाय नमः॥
ॐ विरामाय नमः॥
ॐ सर्वसाधनाय नमः॥
ॐ ललाटाक्षाय नमः॥
ॐ विश्वदेवाय नमः॥
ॐ हरिणाय नमः॥
ॐ ब्रह्मवर्चसे नमः॥
ॐ स्थावरपतये नमः॥
ॐ नियमेन्द्रियवर्धनाय नमः॥
ॐ सिद्धार्थाय नमः॥
ॐ सिद्धभूतार्थाय नमः॥
ॐ अचिन्ताय नमः॥
ॐ सत्यव्रताय नमः॥
ॐ शुचये नमः॥
ॐ व्रताधिपाय नमः॥
ॐ पराय नमः॥
ॐ ब्रह्मणे नमः॥
ॐ भक्तानांपरमागतये नमः॥
ॐ विमुक्ताय नमः॥
ॐ मुक्ततेजसे नमः॥
ॐ श्रीमते नमः॥
ॐ श्रीवर्धनाय नमः॥
ॐ श्री जगते नमः॥
ॐ पूर्णमदः॥ पूर्णमिदं पूर्णात पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ।।
ॐ शांतिः॥ शांतिः॥ शांतिः॥
श्रीरुद्राष्टकम्
(भगवान शिव)
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजे5हं॥1॥
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं। गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं।
करालं महाकाल कालं कृपालं। गुणागार संसारपारं नतो5हं॥2॥
तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं। मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा। लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥3॥
चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं। प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालं।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं। प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि॥4॥
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं। अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम्।
त्रय: शूल निर्मूलनं शूलपाणिं। भजे5हं भवानीपतिं भावगम्यं॥5॥
कलातीत कल्याण कल्पांतकारी। सदासज्जनानन्ददाता पुरारी।
चिदानन्द संदोह मोहापहारी। प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी॥6॥
न यावद् उमानाथ पादारविंदं। भजंतीह लोके परे वा नराणां।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं। प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं॥7॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजां। नतो5हं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यं।
जराजन्म दु:खौघ तातप्यमानं। प्रभो पाहि आपन्न्मामीश शंभो।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये।
ये पठन्ति नरा भक्तया तेषां शम्भु: प्रसीदति॥
अर्थ :- हे मोक्षस्वरूप, विभु, व्यापक, ब्रह्म और वेदस्वरूप, ईशान दिशा के ईश्वर तथा सबके स्वामी श्रीशिवजी! मैं आपको नमस्कार करता हूँ। निजस्वरूप में स्थित (अर्थात मायादिरहित), [मायिक] गुणों से रहित, भेदरहित, इच्छारहित, चेतन आकाशरूप एवं आकाश को ही वस्त्ररूप में धारण करने वाले दिगम्बर [अथवा आकाश को भी आच्छादित करने वाले] आपको मैं भजता हूँ॥1॥ निराकार, ओङ्कार के मूल, तुरीय (तीनों गणों से अतीत), वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों से परे, कैलासपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार से परे आप परमेश्वर को मैं नमस्कार करता हूँ॥2॥ जो हिमाचल के समान गौरवर्ण तथा गम्भीर हैं, जिनके शरीर में करोडों कामदेवों की ज्योति एवं शोभा है, जिनके सिर पर सुन्दर नदी गङ्गाजी विराजमान हैं, जिनके ललाटपर बाल चन्द्रमा (द्वितीया का चन्द्रमा) और गले में सर्प सुशोभित हैं॥3॥ जिनके कानों में कुण्डल हिल रहे हैं, सुन्दर भ्रुकुटी और विशाल नेत्र हैं; जो प्रसन्नमुख, नीलकण्ठ और दयालु हैं; सिंहचर्म का वस्त्र धारण किये और मुण्डमाला पहने हैं; उन सबके प्यारे और सबके नाथ [कल्याण करने वाले] श्रीशङ्करजी को मैं भजता हूँ॥4॥ प्रचण्ड (रुद्ररूप), श्रेष्ठ, तेजस्वी, परमेश्वर, अखण्ड, अजन्मा, करोडों सूर्यो के समान प्रकाश वाले, तीनों प्रकार के शूलों (दु:खों) को निर्मूल करने वाले, हाथ में त्रिशूल धारण किये, भाव (प्रेम) के द्वारा प्राप्त होने वाले भवानी के पति श्रीशङ्करजी को मैं भजता हूँ॥5॥ कलाओं से परे, कल्याणस्वरूप, कल्पका अन्त (प्रलय) करने वाले, सज्जनों को सदा आनन्द देने वाले, त्रिपुर के शत्रु सच्चिदानन्दघन, मोह को हरने वाले, मन को मथ डालने वाले कामदेव के शत्रु, हे प्रभो! प्रसन्न होइये, प्रसन्न होइये॥6॥ जबतक, पार्वती के पति आपके चरणकमलों को मनुष्य नहीं भजते, तबतक उन्हें न तो इहलोक और परलोक में सुख-शान्ति मिलती है और न उनके तापों का नाश होता है। अत: हे समस्त जीवों के अंदर (हृदय में) निवास करने वाले प्रभो! प्रसन्न होइये॥7॥ मैं न तो योग जानता हूँ, न जप और न पूजा ही। हे शम्भो! मैं तो सदा-सर्वदा आपको ही नमस्कार करता हूँ। हे प्रभो! बुढापा तथा जन्म (मृत्यु) के दु:खसमूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दु:ख से रक्षा कीजिये। हे ईश्वर! हे शम्भो! मैं आपको नमस्कार करता हूँ॥8॥ भगवान रुद्र की स्तुति का यह अष्टक उन शङ्करजी की तुष्टि (प्रसन्नता) के लिए ब्राह्मण द्वारा कहा गया। जो मनुष्य इसे भक्तिपूर्वक पढते हैं, उन पर भगवान् शम्भु प्रसन्न होते हैं॥9॥
भगवान शिव की आरती
भगवान शिव
शीश गंग अर्धग पार्वती सदा विराजत कैलासी।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुखरासी॥
शीतल मन्द सुगन्ध पवन बह बैठे हैं शिव अविनाशी।
करत गान-गन्धर्व सप्त स्वर राग रागिनी मधुरासी॥
यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत, बोलत हैं वनके वासी।
कोयल शब्द सुनावत सुन्दर, भ्रमर करत हैं गुंजा-सी॥
कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु लाग रहे हैं लक्षासी।
कामधेनु कोटिन जहँ डोलत करत दुग्ध की वर्षा-सी॥
सूर्यकान्त सम पर्वत शोभित, चन्द्रकान्त सम हिमराशी।
नित्य छहों ऋतु रहत सुशोभित सेवत सदा प्रकृति दासी॥
ऋषि मुनि देव दनुज नित सेवत, गान करत श्रुति गुणराशी।
ब्रह्मा, विष्णु निहारत निसिदिन कछु शिव हमकू फरमासी॥
ऋद्धि सिद्ध के दाता शंकर नित सत् चित् आनन्दराशी।
जिनके सुमिरत ही कट जाती कठिन काल यमकी फांसी॥
त्रिशूलधरजी का नाम निरन्तर प्रेम सहित जो नरगासी।
दूर होय विपदा उस नर की जन्म-जन्म शिवपद पासी॥
कैलाशी काशी के वासी अविनाशी मेरी सुध लीजो।
सेवक जान सदा चरनन को अपनी जान कृपा कीजो॥
तुम तो प्रभुजी सदा दयामय अवगुण मेरे सब ढकियो।
सब अपराध क्षमाकर शंकर किंकर की विनती सुनियो॥
हर हर हर महादेव।
आरती, भोलेनाथ, महादेव, हर-हर
सत्य, सनातन, सुन्दर शिव! सबके स्वामी।
अविकारी, अविनाशी, अज, अन्तर्यामी॥ हर हर .
आदि, अनन्त, अनामय, अकल कलाधारी।
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥ हर हर..
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी।
कर्ता, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी॥ हरहर ..
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औघरदानी।
साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता, अभिमानी॥ हरहर ..
मणिमय भवन निवासी, अति भोगी, रागी।
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी॥ हरहर ..
छाल कपाल, गरल गल, मुण्डमाल, व्याली।
चिताभस्मतन, त्रिनयन, अयनमहाकाली॥ हरहर ..
प्रेत पिशाच सुसेवित, पीत जटाधारी।
विवसन विकट रूपधर रुद्र प्रलयकारी॥ हरहर ..
शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी।
अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मनहारी॥ हरहर ..
निर्गुण, सगुण, निर†जन, जगमय, नित्य प्रभो।
कालरूप केवल हर! कालातीत विभो॥ हरहर ..
सत्, चित्, आनन्द, रसमय, करुणामय धाता।
प्रेम सुधा निधि, प्रियतम, अखिल विश्व त्राता। हरहर ..
हम अतिदीन, दयामय! चरण शरण दीजै।
सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजै। हरहर ..
महादेव की आरती
शिव
जय शिव ओंकारा, भज शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अद्र्धागी धारा॥ ॐ हर हर हर महादेव॥
एकानन, चतुरानन, पंचानन राजै।
हंसासन, गरुडासन, वृषवाहन साजै॥ ॐ हर हर ..
दो भुज चारु चतुर्भुज, दशभुज ते सोहे।
तीनों रूप निरखता, त्रिभुवन-जन मोहे॥ ॐ हर हर ..
अक्षमाला, वनमाला, रुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी, कंसारी, करमाला धारी॥ ॐ हर हर ..
श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघाम्बर अंगे।
सनकादिक, गरुडादिक, भूतादिक संगे॥ ॐ हर हर ..
कर मध्ये सुकमण्डलु, चक्र शूलधारी।
सुखकारी, दुखहारी, जग पालनकारी॥ ॐ हर हर ..
ब्रह्माविष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका। ॐ हर हर ..
त्रिगुणस्वामिकी आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावै॥ ॐ हर हर ..