Wednesday, December 11, 2013

मैने देखा जो सावरे





अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सावरे
आप दूर नज़र आये, बड़े दूर नज़र आये
बंद कर के झरोखों को ज़रा बैठा जो सोचने
मन में आप ही मुसकाये, मन में आप ही मुसकाये
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सावरे...................


एक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा हैं
पा कर तुझे, अब मुझे कुछ होने लगा हैं
एक तेरे भरोसे पे सब बैठा हूँ भूल के
यूँ ही उम्र गुजर जाये, तेरे साथ गुजर जाये
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सावरे...................


जीता हूँ तुम्हे देखके मरता हूँ तुम ही पे
आप हो जहा, सावरे मेरी दुनियाँ हैं वही पे
दिन रात दुवां माँगे मेरा मन तेरे वासते
कही अपनी उम्मीदों का कोई फूल ना मुरझाये
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सावरे...................


मैं जब से तेरे प्यार के रंगो में रंगा हूँ
जगते हुये सोया रहा, नींदो में जगा हूँ
मेरे प्यार भरे सपने, कही कोई ना छिन ले
मन सोच के घबराये, यही सोच के घबराये
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सावरे...................

 

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